Saturday, June 5, 2010

तो हमारे मुल्क़ सा कोई मुल्क़ नहीं



पुरूष


व्यसन छोड़ दें

और

महिलायें

फ़ैशन छोड़ दें

तो हमारे मुल्क़ सा कोई मुल्क़ नहीं

हमारे समाज सा कोई समाज नहीं..........
















www.rajkumarbhakkar.com

3 comments:

  1. वाह जी, व्यसन पुरुष छोड़ें वह तो समझ में आता है. महिलाओं के फैशन में क्या बुराई है?

    ReplyDelete