Saturday, May 15, 2010

राजकुमार भक्कड़ का विनम्र निवेदन ....





सुना था श्री अलबेला खत्री जैसे अपने अनेक मित्रों से कि हिन्दी

के अनेक विद्वान, कवि और साहित्यकार जो अपनी लेखनी के

माध्यम से समाज को दिशा देकर दशा सुधारने का कार्य करते

हैं, आजकल ब्लोगिंग के ज़रिये खूब सेवा कर रहे हैं हिन्दी और

हिन्दी साहित्य की, यहाँ कर, देख भी लिया और अनुभव भी

कर लिया कि सचमुच हिन्दी के सिपहसालार जुटे हुए हैं अपने

दायित्व को पूर्ण पराक्रम के साथ निभाने में..........



मैं आप सब को नमन करता हूँ और आप सब का आभार

मानता हूँ कि आप जैसे पुरोधाओं ने मुझ जैसे नए ब्लोगर

को भी प्रोत्साहन दिया



मैंने लगभग सभी को पढ़ा है और खूब आनंदित हुआ हूँ लेकिन

खेद है कि कुछ तकनीकी कारणों से मैं अभी सही सही टिपण्णी

करने की स्थिति में नहीं हूँ.......



निकट भविष्य में और मुखर होने का प्रयास करूँगा


धन्यवाद !

जय श्री श्याम




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