राजकुमार भक्कड़
अपनी आन्तरिक सम्वेदनाओं को सामाजिक स्तर पर साझा करने का प्रयास
Tuesday, May 25, 2010
ईश्वर कहाँ रहता है ?
ईश्वर
ने
कहा
-
हे
नारद
!
न
मैं
वैकुण्ठ
में
रहता
हूँ
.........
और
न
योगियों
के
हृदयों
में
ही
रहता
हूँ
,
किन्तु
मेरे
भक्त
जहाँ
पर
मेरा
गुणगान
करते
हैं
,
मैं
वहीँ
पर
रहता
हूँ
।
-
अज्ञात
1 comment:
कडुवासच
May 25, 2010 at 9:55 AM
...अदभुत !!
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...अदभुत !!
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